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पाती प्रेम की—–“Valentine Contest”

sathi
sathi
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तेरे सौन्दर्यबोध में

मैंने बहुत से शब्द ढूंढे

अपनी भावनाओं को

कोरे कागज पर बारंबार

उकेरा…

शब्द शर्मा जाते

हर बार…।

फिर इस तरह किया मैने

अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त

गुलाब की एक अबोध पंखुड़ी को

लिफाफे में बंद कर

तुम्हें भेज दिया।

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