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रामदेव जी महाराज का नया सत्ता-साष्टांग आसन।

sathi
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अरूण साथी
शेखपुरा, बिहार
बाबा रामदेव जी महाराज की जय हो। महाराज जी ने एक नया आसन खोज लिया है। सत्ता-साष्टांग आसन। इस आसन की खुबियां दिग्गी राजा बता रहे है, आजकल। अनुलोम बिलोम करते-कराते बाबा ने सरकार को कपालभाती कराने कि क्या ठानी बाजी ही पलट गई। यूं बोलना और बात है पर रामलीला मैदान में आसन क्या जमाया सरकार ने पहले लठ-आसन का सहारा लेकर बाबा से हिजड़ासन करा दिया और फिर आईटी और सीबीआई जैसे प्रबल प्रतापी ब्रहम्आस्त्र का सहारा लेकर करोड़ों की सम्पत्ति क्या खोदनी शुरू की बाबा की हवा ही निकलनी बंद हो गई। रही सही कसर बालकृष्ण जी जड़-बुट्टी महाराज की गरदन धर कर सरकार ने बाबा के प्राण, सुगबा को धर लिया। अजी महाराज, आजकल सौ, पच्चास रूपये के लिए भाई भाई से दगा कर रहा है, यहां तो करोड़ों की बात है, तब फिर बाबा की जुबान पर दिग्गी बिराजमान होकर हंफिया रहे हैं तो इसमें आपको बुरा क्यों लगता है। अपने इतने बड़े इंपायार को बचाने के लिए अन्ना को दिग्गी-वचन सुनाते बाबा पर आप काहे गरमाते है।
आपको तो पता ही है बाबा ने कैसे कैसे इतनी दौलत बनाई है। नहीं पता तो बाबा के आश्रम में जाकर देख लिजिए। नहीं जा सकते तो जो गए है उनसे पूछ लिजिए। जड़ी बुटी को फांक, कितने के प्राण पखेरू उड़ गए। कई लोग आज भी कददू के जूस के चक्कर अस्पताल में है?
मैं तो कहता हूं आप तो कुछ सिखिए। मैं तो ठहरा जाहिल जट, बीबी से लेकर दोस्त यार तक गरियाता है- बड़का पत्रकार है। क्या मिलता है यह सब करके? कभी अखबार गंदा करते हो कभी ब्लौग स्लौग पर बकबक करते हो? मिलता क्या है? मेरे पास तो इसका जबाब नहीं है पर आप तो समझदार दिखते है, जाइए बाबा के शिविर में और चढ़ावा चढ़ा कर कुछ सिखिए कि कैसे सड़क छाप से अरबछाप बना जाता है…जय बाबा की, जय अरबकमाई टिप्स की।
कार्टून-कट पेस्ट कला का प्रयोग कर बिगाड़ा है, किन्हीं को आपत्ति हो तो कृपा कर दर्ज कराने का कष्ट न करें..।

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