उस दिन जब मार दिया जायेगा वह आखरी आदमी भी जो कर रहा है संघर्ष गांव/मोहल्लों गली/कूंचों में रहकर, अपने आदमी होने का….
तुम बैठ कर सोंचना? आखिर आदमी की तरह दिखने पर भी तुम आदमी क्यों नहीं हो….
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment
Name *
Email *
Website
Read Comments